67 वर्षीय महिला लता ने लिया मॅरेथॉन में हिस्सा क्योकि पति के लिए लेना था हार्ट की दवाई

 लता जी को ये बिलकुल नहीं पता था की वह मॅरेथॉन में भाग पायँगी और पैसे जीत पाएंगी पर मज़बूरी ने उसने ये करवाया और जज़्बा ने साथ दिया जब पति को MRI स्कैन करवाने के लिए इनके पास पैसे नहीं थे तो इन्होने मॅरेथॉन में हिस्सा लिया।  लता जी महाराष्ट्र के एक गाँव में रहती है।  इसके इस जज़्बा से हम सबको बहुत कुछ सीखने को मिलता है।  













लता जी अपने पति के साथ हॉस्पिटल जाती है तो डॉक्टर उनको कुछ चेकउप के लिए बोलते है और कुछ दवाइया भी बोलते है लेने के लिए पर उनके पास इतना पैसा नहीं था लता जी उम्मीद हार चुकी थी पर भगवान् पर पूरा भरोसा था।  लता जी अपने पति केसा हॉस्पिटल से बहार चली जाती है कुछ रस्ते में एक समोसे वाले के पास रुक जाते है और 2 समोसे मानती है समोसे वाला 2 समोसे अखबर में लपेट कर देता है लता जी को उस अख़बार में एक हैडलाइन छपी दिखाई देती है वो हैडलाइन थी "Baramati Marathon and its Prize Money" 


















लता जी खबर पढ़ कर आखे खुली रह गई और दिल जोर से धड़ाके लगा उनको ये मौका सायद भगवन ने दिया था अगले दिन जब लता मॅरेथॉन में जाती है तो वहा के आर्गेनाइजर उनको मॅरेथॉन में हिस्सा नहीं दे रहे थे क्योकि लता जी की उम्र कुछ ज्यादा ही थी पर लता जी ने उनसे बेहेस करके उनको राज़ी कर लिया और मॅरेथॉन में हिस्सा दिया लता जी के पास अच्छे शूज नहीं थे लता जी ने नंगे पैर और मराठी साड़ी में मॅरेथॉन में भागने लगी उनके साथ दौड़ रहे युवा भी हैरान हो गए और वहा आये दर्शक भी सब देख हैरान थे मॅरेथॉन में भागते भागते लता जी के पैर से खून और साड़ी पसीने से भीग गई थी पर उनके इस जज़्बा ने उनको बहुत कुछ दिया सलाम है लता जी को दिल से।  






















Lata Bhagwan Kare मॅरेथॉन में दौड़ती हुई 






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